बचपन से ही मैं विज्ञान की सुंदरता से मोहित रहा हूँ, जिसने मेरे भविष्य की दिशा निर्धारित की। स्नातक स्तर पर मुझे ऊष्मागतिकी, गणित और पदार्थ अभियांत्रिकी जैसे विषय विशेष रूप से प्रिय थे, और मैंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर शैक्षणिक अनुसंधान के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का संकल्प लिया। इसी मार्ग में, उचित समय पर समारा विश्वविद्यालय में कार्यरत शोधकर्ता और संकाय सदस्य नरेश केदाम ने मुझे विश्वविद्यालय की विशेषताओं तथा यहाँ उपलब्ध शोध अवसरों से परिचित कराया। आज मैं रूसी सरकार का आभारी हूँ, जिसने मुझे विमान इंजन प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति प्रदान की। मेरी प्रेरणा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने वाला वह क्षण था, जब मैंने एस. पी. कोरोलेव की जीवनगाथा सुनी — वह वैज्ञानिक, जिन्होंने स्पुतनिक (विश्व का पहला उपग्रह) के प्रक्षेपण तथा मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव रखी। उनके संघर्ष और समर्पण ने मुझे गहराई से प्रेरित किया। आज मैं एक ऐसे गतिशील केंद्र में हूँ, जहाँ विचारों का जन्म होता है, उन्हें आकार दिया जाता है, और जहाँ मैं अनुभवी प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में एक समर्पित शोधार्थी के रूप में विकसित हो रहा हूँ। यहाँ की व्यावहारिक और जीवंत शिक्षण पद्धति ने मेरी जिज्ञासा को और प्रज्वलित किया है। कक्षाओं में विमानों और अत्याधुनिक उपकरणों के बीच अध्ययन का अनुभव वास्तव में अद्वितीय है। जब मैंने पहली बार एक धातु से 3डी-मुद्रित विमान इंजन देखा, तो मेरा उत्साह और भी बढ़ गया। उसी क्षण मेरा वह सपना फिर से जाग उठा — कभी अपने स्वयं के माइक्रो थ्रस्टर्स का डिज़ाइन और निर्माण करना। वर्तमान में, मैं नरेश केदाम और प्रोफेसर उगलानोव दिमित्री के मार्गदर्शन में क्रायोजेनिक्स के अंतर्गत पल्स ट्यूब क्रायोकूलर्स की जटिल भौतिकी का अध्ययन कर रहा हूँ। समारा विश्वविद्यालय की इस गौरवशाली शोध परंपरा का एक भाग बनने की संभावना से मैं अत्यंत उत्साहित हूँ।